Saturday, April 24, 2021

5G Technology, मौत के तांडव का रहस्य

कुछ दिन पहले Pratham News ने अखबार में एक आर्टिकल छपा  था जो कि मैं अपनी बात शुरू करने से पहले  उसी रूप में आपको दे रहा हूँ, ताकि आपको अपनी बात आसानी से समझ सकूँ और आप भी बात की गंभीरता को समझ सकें।

कुछ दिनों से हर चीज़ को छुने से मेहसूस हो रहा है करंट तो पढिए…..



ByShiv Kumar

April 4, 2021



आवशयक जानकारी रोचक तथ्य:
पिछले कुछ दिनों से अगर आप किसी भी चीज को हाथ लगा रहे हैं तो अचानक उसमें करंट लगने जैसा महसूस हो रहा है। हालांकि यह सब के साथ ऐसा हो रहा है या नहीं लेकिन, ज्यादातर लोगों के साथ ऐसा सुनने को मिल रहा है। करंट लगने की पुष्टि करने हेतु जब एक प्रतिनिधि द्वारा संबंधित पोस्ट को अपने सोशल मीडिया स्टेटस के माध्यम लोगों तक पहुंचाया गया तो सैकड़ों लोगों ने करंट लगने संबंधी रिप्लाई किया। करंट लगने के कारणों संबंधी अभी तक स्थाई पुष्टि तो नहीं हो पाई है लेकिन, कई इंजीनियरिंग एवं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के छात्र इसे #5G_रेडिएशन के साथ जोड़ रहे हैं तो वहीं, कुछ लोग इसे बदलते मौसम का नाम दे रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्रह्मांड में मौजूद सभी वस्तुएं एटम्स यानी अणु से बनी हुई है और हर एटम में इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन होते हैं। इन सबके पास अपना-अपना चार्ज होता है। प्रोटोन, न्यूक्लियस में होता है जो की एटम के केंद्र में स्थित है, इलेक्ट्रॉन न्यूक्लियस के आस-पास चक्कर लगTता है। इलेक्ट्रॉन्स, निगेटिवली चार्ज, प्रोटॉन्स पॉजिटिवली चार्ज और न्यूट्रॉन्स न्यूट्रल होते हैं। यह तीनों चार्ज को फ्लो करवाने में विशेष मुख्य भूमिका निभाते है। एटम स्टेबल तब होता है, जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटोन हमेशा एक ही संख्या में हो। लेकिन, जब इनकी संख्या कम या ज्यादा हो जाती है तो एटम स्टेबल नहीं रह पता है। प्रोटोन और न्यूट्रॉन भले शांत स्वभाव के होते है मगर जब प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन की संख्या एक सी नहीं होती है तो इलेक्ट्रॉन एक्साइट होने के कारण बाउंस करने लगते है और उन्ही के कारण हलचल होती है।अर्थात ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जब किसी व्यक्ति या वस्तु में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है तो नेगेटिव चार्ज भी बढ़ जाता है। फिर ये इलेक्ट्रॉन किसी पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स जो अन्य वस्तु या व्यक्ति में होंगे की और बढ़ने लगते हैं और इसी कारण करंट या बिजली का झटका महसूस होता है। यानी इन इलेक्ट्रॉनों की त्वरित गति का ही तो हल्का सा करंट महसूस होता है।
4-जी रेडिएशन के कारण नाममात्र ही रह गई चिड़िया-संचार सेवाओं को सुगम बनाने के लिए भले ही 4जी लाभदायक सिद्ध हुआ हो लेकिन, इसका दूसरा सबसेे बड़ा पशुु पक्षियों पर पड़ा है। बेहद हानिकारक तरंगों को पैदा करने वाली रेडिएशन का प्रभाव मानव जीवन पर भी पड़ा है। इसका दावा रूसी वैज्ञानिकों द्वारा भी किया जा चुका है। उनका मानना है कि 4-जी रेडिएशन के कारण पैदा होने वाली हानिकारक किरने मानव इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर बना रही हैं। वहीं 5-जी लांच होने के बाद अब जेनरेशन मेंं रेडिएशन ओर भी घातक हो सकती हैं ।
बढ़ती रेडिएशन के कारण शारीरिक इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन का फ्लो हो रहा है प्रभावित- दिन प्रतिदिन बढ़ती रेडिएशन का प्रभाव अब सीधे तौर पर मानवीय शरीर पर भी पड रहा है। रेडिएशन के कारण ही शरीर में इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन का स्तर प्रभावित हो रहा है। यही कारण है कि हम किसी भी वस्तु को छू रहे हैं तो स्टेबिलिटी सही ढंग से न होने के कारण हम करंट महसूस कर रहे हैं।

अब जब आप समझ चुके हैं की #5G_टेक्नोलॉजी के कारण हमारे वातावरण में किस प्रकार के बदलाव आ रहे हैं तो अब आपको यह समझने में भी देर नही लगेगी की इस #CORONA _VIRUS के इतनी तेजी से बढ़ने के पीछे क्या राज है। जिस वायरस को पिछले वर्ष तक मैं भी गंभीर रूप से नही ले रहा था अचानक मैंने भी इसे गंभीर मानना शुरू कर दिया था। फिर अचानक से #5G को लेकर ये आर्टिकल सामने आया और कुछ जानकारों से इस बारे में बात हुई तो सच्चाई सामने आना शुरू हो गई कि ये सारा खेल तो 5G का खेला गया है। जिसे आम लोगो को समझाया नही जा सकता और न ही वह इस पर आसानी से विश्वास करेंगे। 

अगर आप लोगो को याद हो तो इटली में जब पिछले वर्ष मौत का तांडव हुआ था जिसे #Corona_Virus का नाम दिया गया था। उसमें जब लोगों का पोस्टमार्टम हुआ था तो वायरस के नाम पर कुछ भी संदिग्ध सामने नही आया था। बस एक छोटी सी बात सामने आई थी कि 5G की विकरणों के अवशेष मिले हैं। पर इस बात को ज्यादा नही उठाया गया और न ही लोगो ने इसे ज्यादा समझने की कोशिश की।
इस वर्ष ये खेल फिर से और जोर से खेला जा रहा है जिस से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे है और लोगों में एक खौफ फैलना शुरू हो गया है। इस बार विदेशों से CORONA VIRUS के बारे में कोई खबरें नही आ रही हैं। Lockdown के दौरान बहुत से ऐसे कार्य थे जिन्हें नही रोक गया था और जिन्हें जरूरी कामों की गिनती में रखा गया था जिसमे से Tower लगाना भी एक था। आप अगर डेटा निकल कर देखेंगे तो आपको पता लगेगा कि lockdown में पूरे देश में कितना बड़ा नेटवर्क खड़ा किया गया ताकि इस वर्ष 5G को लांच किया जा सके। 

पर 5G के इस मौत के तांडव को शायद सरकार रोकना ही नही चाहती तभी तो पूर्ण जानकारी होते हुए भी सरकार अपनी आंखें मूंद कर बैठी है। नेता लोग जहां कही बजी जाते है बिना मास्क के घूमते नजर आ जाएंगे। मास्क सिर्फ आप और हम जैसे लोगो के लिए ही जरूरी है।  राजनीतिज्ञों को corona virus नही हो सकता क्योंकि उन्हें असलियत का ज्ञान है।
#डॉ_विश्वरूप_रॉय_चौधरी पिछले साल से बार बार सभी को बता रहे हैं कि CORONA VIRUS एक आम सा ज़ुकाम बुखार है यह कोई नया वायरस नही है और न ही खतरनाक है। पर लोग हैैं की मानने को तैयार ही नही। 
बस लोगो मे सरकार द्वारा और कुछ ऐसे लोगों द्वारा जिनका यहां जिक्र भी नही कर सकता ये सारा खेल रचाया गया है।
जरूरत है तो आप लोगों को समझने की अगर हमने प्रकृति से छेड़छाड़ बन्द नही की तो आने वाले भविष्य के परिणाम इससे भी भयंकर हो सकते हैं ये तो सिर्फ एक झलक मात्र है। आवश्यकता है तो सिर्फ पूरी स्तिथि को ध्यान से समझने की। 
मुझे जो इस खेल में जो समझ आया उसके सिर्फ कुछ अंश ही लिख रहा हूँ बाकी आप अपनी बुद्धि से स्वयम समझने का प्रयत्न करें। 
आप सभी के आरोग्य की कामना के साथ। 
आपका शुभचिंतक मित्र।

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